'भारत और दक्षिण कोरिया के बीच सांस्कृतिक संबंध

इतिहास गवाह है भारत ने किसी पर हमला नहीं कियाखुद की सुरक्षा के लिए पीछे नहीं हटेंगे- राजनाथ


रक्षा मंत्री प्रचलित 5 सिद्धांतो का भी जिक्र हमें सफल होने से कोई नहीं रोक मौका मुहैया कराना चाहिए। साथ ही दी जा रही है। भारत इंडियन ओशन कोरिया पहुंचा। भारत और दक्षिण राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दक्षिण किया। उन्होंने कहा, “अगर हम सकता। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जो देश समुद्री और हवाई क्षेत्र में पहुंचने का रिम एसोसिएशन (आईओआरए), कोरिया में पारिवारिक संबंध भी है। कोरिया की राजधानी सियोल में L0 समान अधिकार देना बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर रानी हेयो ह्वांग-ओक अयोध्या से कहा कि भारत ने इतिहास में कभी चाहिए। भारत इंडो- मल्टीसेक्टोरल टेक्नीकल यात्रा कर गिम्हे के राजा सूरो से भी किसी देश पर हमला नहीं किया, पैसिफिक क्षेत्र में एक इकोनॉमिक कोऑपरेशन विवाह करने पहुंची थीं। लेकिन हम अपनी सुरक्षा में 함께 만드는 평화 : 도전과 비전 खुले और समावेशी (बिमस्टेक) में शामिल देशों के कोरिया के शहीदों को मजबूत कदम उठाने से नहीं 18 Peace Tog her Challenge and Visi ढांचागत विकास की साथ सहयोग बढ़ा रहा है। श्रद्धांजलि भी दी हिचकेंगे। हमारा मकसद देश की वकालत करता हैं।" 'भारत और दक्षिण कोरिया के राजनाथ कल दक्षिण कोरिया सुरक्षा को हर हाल में मजबूत करना __ ' अ प न` बीच सांस्कृतिक संबंध' पहुंचे थे। उन्होंने कोरियाई है। भारत की रक्षा कूटनीति इस पडोसियों को भारत और दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री ली नाक-योन से रणनीति का मुख्य स्तंभ है। यह बात प्रमुखता दे रहा' बीच सांस्कृतिक संबंधों पर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने सियोल डिफेंस डायलॉग के रक्षा मंत्री ने राजनाथ ने कहा कि बौद्ध धर्म का राजनाथ गुरुवार को सियोल में विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा प्रधानमंत्री की उदय भारत में हुआ और बाद में यह दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय स्मारक पर कही। सम्मान, संवाद, शांति, सहयोग और आपसी सौहार्द के लिए काम कर 'पडोसी पहले' की नीति के तहत दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में फैला। कोरियाई शहीदों को श्रद्धांजलि देने राजनाथ ने भारत में सदियों से समृद्धि के विचारों पर काम करें, तो रहे हैं, उन्हें हर मुल्क में जाने का भारत के पडोसी देशों को तरजीह करीब 2000 साल पहले बौद्ध धर्म भी पहुंचे।